Wednesday, December 2, 2020

प्रकाश –  परावर्तन तथा  अपवर्तन

प्रश्न

1. अवतल दर्पण के मुख्य फोकस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर
दर्पण पर मुख्य अक्ष के समांतर कुछ किरणें आपतित हो रही हैं। सभी दर्पण की मुख्य अक्ष के एक बिंदु पर मिल रही/प्रतिच्छेदी हैं। यह बिंदु अवतल दर्पण का मुख्य फोकस कहलाता है।
2. एक गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या 20  cm है। इसकी फोकस दूरी क्या होगी?
उत्तर
f = R/2
or, f = ±20/2
or, f = ±10 cm.
3. उस दर्पण का नाम बताइए जो बिंब का सीधा तथा आवर्धित प्रतिबिंब बना सके।
उत्तर
अवतल दर्पण
4. हम वाहनों में उत्तल दर्पण को पश्च-दृश्य दर्पण के रूप में वरीयता क्यों देते हैं?
उत्तर
उत्तल दर्पणों को इसलिए भी प्राथमिकता देते हैं, क्योंकि ये सदैव सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं यद्यपि वह छोटा होता है। इनका दृष्टि-क्षेत्र भी बहुत अधिक है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं।
1. उस उत्तल दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता-त्रिज्या  32  cm है।
उत्तर
f = R÷2
or, f = 32÷2
or, f = 16 cm.
2. कोई अवतल दर्पण आपने सामने  10  cm दूरी पर रखे किसी बिंब का तीन गुणा आवर्धित (बड़ा) वास्तविक प्रतिबिंब बनाता है। प्रतिबिंब दर्पण से कितनी दूरी पर है।
उत्तर
दर्पण के अवर्धन सूत्र से
प्रतिबिंब की ऊंचाई/बिंब की ऊंचाई = प्रतिबिंब दूरी/बिंब दूरी
or, प्रतिबिंब दूरी = -3×10
or, प्रतिबिंब दूरी = -30 cm
1. वायु में गमन करती प्रकाश की एक किरण  जल  में तिरछी प्रवेश करती है। क्या प्रकाश किरण अभिलंब की ओर झुकेगी अथवा अभिलंब से दूर हटेगी? बताइए क्यों?
उत्तर
प्रकाश की किरण अभिलंब की ओर झुकेगी क्योंकि प्रकाश की किरण विरल से सघन माध्यम में प्रवेश कर रही है।
2. प्रकाश वायु से  1.50 अपवर्तनांक की काँच की प्लेट में प्रवेश करता है। काँच में प्रकाश की चाल कितनी है? निर्वात में प्रकाश की चाल  3  ×  108  m/s है।
उत्तर
कांच का अपवर्तनंक = हवा में प्रकाश की चाल/कांच में प्रकाश की चाल
or, कांच में प्रकाश की चाल = 3×10⁸/1.5
or, प्रकाश में कांच की चाल = 2×10⁸ m/s
3. सारणी 10.3 से  अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक  घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।
4. आपको किरोसिन,  तारपीन का तेल तथा जल दिए गए हैं। इनमें से  किसमें प्रकाश सबसे अधिक तीव्र गति से चलता है? सारणी  10.3 में दिए गए आँकड़ों का उपयोग कीजिए।
उत्तर
जल का अपवर्तनांक सबसे कम है अतः जल में प्रकाश सबसे तीव्र गति में चलता है।
5. हीरे  का अपवर्तनांक  2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है?
इसका अर्थ है कि वायु में प्रकाश का वेग तथा हीरे में प्रकाश के वेग का अनुपात 2.42 है।

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